मैं द्विवेदी हूं, ब्राह्मण नहीं।
    Anshuman Dwivedi   The Listener   Career Consultant and Motivator       चुनावी माहौल है। छत्तीसगढ़ में वोट पड़ चुके है। मिजोरम और मध्य प्रदेश में आज वोटिंग हो रही है। राजस्थान में अगले महीने वोट पड़ेगें। कल रात साढ़े 10  बजे एक टीवी चैनल के माध्यम से पता चला कि कांग्रेस और भाजपा ,  चैनल की ही भाषा में, " ब्राह्मण शरणम् गच्छामि "  है। सामान्य जानकारी का विषय है कि जाति की पहचान अमूमन उपनाम से होती है। जैसे ब्राह्मणों की पहचान द्विवेदी,   जोशी,   मिश्रा,   त्रिपाठी ,  वाजपेयी ,  शर्मा ,  आदि। मेरे नाम के साथ भी द्विवेदी लगा है। इस कारण मैं भी ब्राह्मण हुआ।       कल न्यूज सुनने से लेकर अभी तक मैं लगातार यह सोच रहा हूं कि द्विवेदी लिखने के कारण ही मैं ब्राह्मण हूं या ब्राह्मण होने के नाते मेरे नाम के साथ द्विवेदी लिखा हुआ है। सच यह है कि मेरे नाम के साथ द्विवेदी तब लिख गया था जब मेरे कर्म से संसार का परिचय होना बाकी था। अब जब मैं अपने जीवन का पुनरावलोकन कर रहा हूं तो पाता हूं कि हाइस्कूल,   इंटर,   बीएससी,   एमए और प्रतियोगी परीक्षा की ...