सफलता मंत्र
Anshuman Dwivedi
Director RAO IAS
एक तालाब में गुरु-शिष्य नहा रहे थे। शिष्य गुरु जी की पीठ रगड़ रहा था। गुरु जी प्रसन्न दिख रहे थे। शिष्य ने गुरु जी से प्रश्न किया ,"गुरु जी सफलता का मंत्र क्या है ?"
गुरु जी पलटे। शिष्य की खोपड़ी पकड़ कर पानी में डुबो दी। गुरु जी हट्टे-कट्टे थे। शिष्य छटपटाया, बहुत छटपटाया। गुरु जी ने उसे और गहरे डुबो दिया।
शिष्य को समझ नहीं आ रहा था कि उससे क्या गलती हो गयी। उसने ऐसा क्या ख़राब पूछ लिया कि गुरु जी उसे मारना चाहते हैं। हार कर उसने अपने जीवन को गुरु की कृपा पर छोड़ दिया। इससे पहले कि उसकी सांस पूरी तरह से टूटती गुरु जी ने उसे छोड़ दिया।
वह फड़फड़ाता हुआ पानी के बाहर आया। देर तक जल्दी-जल्दी साँस ली, फिर कुछ शाँत हुआ।
गुरु जी ने पूछा, "पानी के भीतर तुम किस चीज़ के लिए तड़प रहे थे ?"
शिष्य ने जवाब दिया, "सांस"।
गुरु जी ने कहा कि जब लक्ष्य की चाह इतनी ही तीव्र होती है जिस तीव्रता से तुम साँसें चाह रहे थे, सफलता मिल जाती है।
Director RAO IAS
एक तालाब में गुरु-शिष्य नहा रहे थे। शिष्य गुरु जी की पीठ रगड़ रहा था। गुरु जी प्रसन्न दिख रहे थे। शिष्य ने गुरु जी से प्रश्न किया ,"गुरु जी सफलता का मंत्र क्या है ?"
गुरु जी पलटे। शिष्य की खोपड़ी पकड़ कर पानी में डुबो दी। गुरु जी हट्टे-कट्टे थे। शिष्य छटपटाया, बहुत छटपटाया। गुरु जी ने उसे और गहरे डुबो दिया।
शिष्य को समझ नहीं आ रहा था कि उससे क्या गलती हो गयी। उसने ऐसा क्या ख़राब पूछ लिया कि गुरु जी उसे मारना चाहते हैं। हार कर उसने अपने जीवन को गुरु की कृपा पर छोड़ दिया। इससे पहले कि उसकी सांस पूरी तरह से टूटती गुरु जी ने उसे छोड़ दिया।
वह फड़फड़ाता हुआ पानी के बाहर आया। देर तक जल्दी-जल्दी साँस ली, फिर कुछ शाँत हुआ।
गुरु जी ने पूछा, "पानी के भीतर तुम किस चीज़ के लिए तड़प रहे थे ?"
शिष्य ने जवाब दिया, "सांस"।
गुरु जी ने कहा कि जब लक्ष्य की चाह इतनी ही तीव्र होती है जिस तीव्रता से तुम साँसें चाह रहे थे, सफलता मिल जाती है।
Bilkul sahi
ReplyDeleteAbsolutely right
ReplyDeleteAbsolutely right .good guidance sir thanks sir
ReplyDeleteAnkit Dwivedi
ReplyDeleteBahut sahi
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